Report – China साल 2015 से कर रहा था कोरोना वायरस (Corona Virus) को जैविक हथियार बनाने की तैयारी – Gyaani Mind

Report – China साल 2015 से कर रहा था कोरोना वायरस (Corona Virus) को जैविक हथियार बनाने की तैयारी – Gyaani Mind
ऑस्ट्रेलिया के एक अख़बार ने किया खुलासा
कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा है! दुनिया ने ऐसी तबाही पहले शायद ही कभी देखी हो जो इस कोरोना काल के दौरान देखी है! बार-बार सवाल उठे कि आखिर कोरोना वायरस आया कहाँ से? कहाँ इसकी उत्पत्ति हुई? और सबकी नज़रे जाकर चीन के वूहान शहर पर टिक गयी! लेकिन चीन इन दावों को हमेशा से ख़ारिज करता आया है!
अब ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमे ये खुलासा किया गया है की चीन के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच कोरोना वायरस को लेकर साल 2015 ये रिपोर्ट इस बात के सबूत की तरह है की चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार की तरह इस्तेमाल करने के लिए विचार-विमर्श किया था एक बैठक की थी!
ये दस्तावेज़ तब के हैं जब हम लोगों ने कोरोना वायरस का नाम तक नहीं सुना था! यानी ये बिमारी पैदा नहीं हुई थी लेकिन इस बीमारी पर चर्चा चल रही थी साल 2015 में! ऑस्ट्रेलिया के अखबार ने इस रिपोर्ट को ”News.com.au” पर पब्लिश किया है! इस रिपोर्ट को इस लिए भी पढ़ा जा रहा है और चर्चा की जा रही है क्यूँकि दुनिया भर के देश कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं!
रोज़ हज़ारों की संख्या में लोगो की मौत हो रही है! तब कैसे संभव है की चीन 6 से 8 महीने में वापस पटरी पर आ जाए! चीन की अर्थ-व्यवस्था फिर से उठने लगी! चीन में cases ना आएं ये कैसे संभव है? क्या चीन वाकई में इसे जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाह रहा था? ये शक पैदा होता है और रिपोर्ट में कहा गया की चीन के वैज्ञानिकों ने तीसरे विश्व-युद्ध जैविक हथियार से लड़े जाने की भविष्यवाणी की थी!
“Genetic” हथियार के युग के तौर पर की गयी कोरोना वायरस की चर्चा

अमेरिका के विदेश विभाग को भी खुफिया दस्तावेज़ हाँसिल हुए और ब्रिटेन के “The Sun” न्यूज़ पेपर में ऑस्ट्रेलिया के समाचार पत्र ”The Australian” के हवाले से भी इस रिपोर्ट को जारी किया गया और बताया गया की चीन की सेना के कमांडर पूर्वानुमान लगा रहे थे इस बिमारी का! जिस दस्तावेज़ की बात इस रिपोर्ट में कही गयी है, उसमे कहा गया कि कोरोना वायरस की चर्चा Genetic हथियार के युग में यानी जैविक हथियार के युग के तौर पर की गयी और ”Covid” उसी जैविक हथियार का एक सटीक उदाहरण है!
साल 2003: SARS का चीन पर अटैक

कहा गया की एक ऐसा जैविक हमला हो जिसमे दुश्मन की स्वास्थ व्यवस्था को भी ध्वस्त किया जा सकता है! यहाँ तक की रिपोर्ट में साल 2003 का भी ज़िक्र है! ये साल 2003 वही साल है जब ”SARS” का चीन पर अटैक हुआ था, तो वो हो सकता है कि जैविक हथियार हो जिसे किसी ने तैयार किया हो!
आप इस बात को जानते होंगे की कोरोना के चमगादड़ से इंसान में पहुँचने की बातें पिछले साल उठी थी! और जिस ”Horse-Shoe” प्रजाति के चमगादड़ की वजह से कोरोना वायरस फैलने की बात कही गयी थी, वो वही प्रजाति है जिसकी वजह से साल 2002-2003 में ”SARS” वायरस फैला था!
वुहान के ”Institute of Virology” से फैला कोरोना वायरस

अब चीन के वुहान में एक इंस्टिट्यूट है ”Institute of Virology”! ये वही लैब है जहाँ चीन चमगादड़ और बाकी जानवरों पर शोध करता है! इसी ”Virology” के लैब में ”Horse-Shoe” नाम के चमगादड़ पर रिसर्च चल रहा था! तो कहा ये जा रहा है, शायद इसी इंस्टिट्यूट की लैब से Covid फैला हो!
आपको यहाँ ये भी बता दें कि चमगादड़ से वायरस पर रिसर्च करने के लिए साल 2015 में अमेरिका ने इस ”Virology Lab” को Fund देने का फैसला किया था! और अब तक वो करोड़ो रूपया Fund के तौर पर इस इंस्टिट्यूट को दे चूका है! पिछले साल एक रिपोर्ट छपी थी जिसमें ये दावा किया गया था कि कोरोना का जो कहर बरपा है इस दुनिया पर वो शायद इसी लैब से निकला है! हालांकि चीन इस दावे को ख़ारिज करता आया है और आज भी ख़ारिज करता है और कहता है की वायरस यहाँ से नहीं, अगर फैला भी है तो वुहान के ”Seafood” मार्किट से फैला है! लेकिन पिछले ही साल एक और रिपोर्ट छपी जिसमे चीन के वैज्ञानिकों ने ये दावा किया कि कोरोना वायरस वुहान के ”Virology Lab” से लीक हुआ है ना की किसी Seafood मार्किट से!
2015 से जुड़े हैं कोरोना वायरस के तार
तो एक ही देश में दो तरह की बातें उठी और दूसरा दावा इसलिए भी सच लगा क्यूँकि जिस लैब से वायरस के फैलने की बात उठी थी, उसी लैब में काम करने वाली एक इंटर्न चमगादड़ के संपर्क में आयी थी और कोरोना से संक्रमित हुई थी! उसके बाद इंटर्न के ज़रिये कोरोना इस ”Virology Lab” के बाहर जाता है और वुहान होते हुए धीरे-धीरे दुनिया के तमाम देशों को अपनी चपेट में ले लेता है! हालाँकि सच्चाई क्या है ये चीन जानता है क्यूँकि चीन अभी भी इस बात को मानने से इंकार करता है!
लेकिन अब जो रिपोर्ट छपी है वो और ज़्यादा चौकाने वाली है! ”The Sun” और ”The Australian Magazine” में जो रिपोर्ट छपी हैं, उनमें साफ़ तौर पर बताया गया है कि कोरोना वायरस के तार 2015 से जुड़े हैं! साल 2015 में पहली बार इस वायरस की चर्चा हुई थी! जब ये रिपोर्ट छपी, तो ऑस्ट्रेलियाई राजनेताओं समेत ब्रिटेन के वैज्ञानिकों, यहाँ तक की अमेरिका के विशेषज्ञों ने भी इसका अध्ययन किया और चीन की पारदर्शिता को लेकर संदेह जताया!
“The Australian” के इस लेख की “The Global Times” ने की आलोचना

अब चीन इस बात को भी सिरे से ख़ारिज कर रहा है और कह रहा है कि ये दुनिया में उसकी छवि खराब करने के लिए किया गया और सारे देश मिलकर ऐसा करना चाहते हैं! चीन के सरकारी अखबार, “The Global Times” ने इस लेख को प्रकाशित करने के लिए “The Australian” अख़बार की आलोचना की है और कहा है कि ये एक बनी बनाई रणनीति के तहत किया गया है! अब सच्चाई जो भी है लेकिन चीन संदेह के घेरे में तो है और आज से नहीं बहुत पहले से है!
इसी विषय पर आपसे अब एक सवाल:
कोरोना को महामारी कहा जा रहा है, अंग्रेजी में इसका एक नाम हैं “Pandemic” और एक शब्द होता है “Epidemic” या “Endemic” ! तो “Pandemic” और “Epidemic” में क्या अंतर होता है?
बहुत आसान सा सवाल है और आप अपने जवाब नीचे Comment Box में दे सकते हैं!
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(Content Source: Dhyeya IAS Youtube Channel)